"ऑपरेशन सिंदूर : दुश्मन के घर में घुसकर दिया करारा जवाब"
ऑपरेशन सिंदूर 7 मई 2025 को भारत द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान-शासित कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों पर किए गए एक सटीक सैन्य अभियान का नाम है। यह कार्रवाई 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए एक भीषण आतंकी हमले के जवाब में की गई थी, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी।
🔴 ऑपरेशन सिंदूर: भारत की निर्णायक प्रतिक्रिया
📍 पृष्ठभूमि: पहलगाम हमला
22 अप्रैल को, पांच आतंकवादियों ने अनंतनाग जिले के बैसरन घाटी में पर्यटकों पर हमला किया। हमलावरों ने धार्मिक पहचान के आधार पर लोगों को अलग किया और हिंदू पर्यटकों को निशाना बनाया। इस हमले में 26 लोग मारे गए, जिनमें एक नेपाली नागरिक भी शामिल था। इस निर्मम कृत्य ने पूरे भारत में आक्रोश की लहर दौड़ा दी।
🎯 ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत
7 मई की सुबह, भारतीय वायुसेना ने "ऑपरेशन सिंदूर" के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान-शासित कश्मीर में नौ स्थानों पर हवाई और मिसाइल हमले किए। इन हमलों का उद्देश्य लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों के प्रशिक्षण शिविरों और लॉजिस्टिक हब को नष्ट करना था।
🛡️ प्रमुख विशेषताएं
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समय: ऑपरेशन केवल 23 मिनट में पूरा किया गया।
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स्थान: बहावलपुर, मुरिदके, कोटली, मुजफ्फराबाद, भिंबर, सियालकोट सहित नौ स्थान।
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तकनीक: राफेल जेट विमानों से SCALP और HAMMER मिसाइलों का उपयोग।
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परिणाम: भारत के अनुसार, लगभग 70 आतंकवादी मारे गए।(Wikipedia, Wikipedia)
🇵🇰 पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान ने इन हमलों को "युद्ध की कार्रवाई" करार दिया और जवाबी कार्रवाई की धमकी दी। पाकिस्तानी अधिकारियों ने दावा किया कि भारतीय हमलों में 26 नागरिक मारे गए, जिनमें एक बच्चा भी शामिल था। इसके अलावा, पाकिस्तान ने पांच भारतीय विमानों को मार गिराने का दावा किया, हालांकि भारत ने इन दावों का खंडन किया है।
🌍 अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सहित कई अंतर्राष्ट्रीय नेताओं ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की। चीन, कतर और संयुक्त अरब अमीरात ने भी स्थिति पर चिंता व्यक्त की और तनाव कम करने का आग्रह किया।
👩✈️ महिला नेतृत्व की भूमिका
इस ऑपरेशन की जानकारी देने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस का नेतृत्व कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने किया। कर्नल कुरैशी भारतीय सेना की सिग्नल कोर की अधिकारी हैं और संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों में भी सेवा दे चुकी हैं। उनकी पेशेवर दक्षता और नेतृत्व क्षमता की सराहना की गई।(Wikipedia)
🔚 निष्कर्ष
"ऑपरेशन सिंदूर" भारत की आतंकवाद के खिलाफ सख्त नीति और त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता का प्रतीक है। यह अभियान न केवल सैन्य दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण था, बल्कि इससे यह भी स्पष्ट हुआ कि भारत अपनी सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। हालांकि, इस तरह के सैन्य अभियानों के बाद क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखना भी उतना ही आवश्यक है।
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