"मेरी डायरी बोले कुछ अधूरी बातें"
📖 पुरानी डायरी के पन्नों से…
परिचय:
कहते हैं न, ज़िंदगी में कुछ चीज़ें ऐसी होती हैं, जो वक़्त के साथ भुला दी जाती हैं, लेकिन जब अचानक कभी हाथ लग जाएँ, तो दिल को कुछ देर के लिए वहीं रोक देती हैं। ऐसी ही एक चीज़ है — पुरानी डायरी। उसमें लिखे शब्द, हमारी बीती यादों की ख़ुशबू लिए होते हैं। आज उसी डायरी के कुछ पन्ने पलटे, तो कई भूली-बिसरी बातें सामने आ गईं।
✨ वो अधूरी कविता
एक पन्ने पर एक अधूरी-सी कविता मिली। तारीख़ भी लिखी थी — 12 अप्रैल 2017।
शायद उस दिन दिल थोड़ा उदास रहा होगा…
"काँच की तरह टूटते ख्वाब
हथेली में चुभे सवाल।
कोई सुन ले अब मेरी बात
या दे दे मुझे अपनी साँझ का उजाल।"
कविता अधूरी थी… पर उसमें छुपा एहसास आज भी वैसा ही है। लगता है कुछ बातें कभी पूरी नहीं होती, बस दिल में रह जाती हैं।
💌 वो पहला खत
डायरी के दूसरे पन्ने में एक पुराना खत दबा मिला। लिखा था मेरी बेस्ट फ्रेंड को। याद है, स्कूल में आख़िरी दिन, सब अपने-अपने दोस्तों को खत लिख रहे थे। उसमें लिखा था…
"तू मेरी सबसे अच्छी दोस्त है। चाहे हम कभी मिले या नहीं, तू हमेशा मेरी यादों में रहेगी। तेरे बिना स्कूल की कोई याद अधूरी है।"
आज वो दोस्त कहाँ है, कुछ पता नहीं… लेकिन वो खत आज भी वैसा ही है, जैसा उस दिन लिखा था।
🌸 सूखी गुलाब की पंखुड़ी
डायरी के बीच एक सूखी गुलाब की पंखुड़ी भी मिली। शायद किसी ख़ास ने दिया था। अब वो दिन भी धुंधला हो गया है, लेकिन वो गुलाब की खुशबू अब भी इन पन्नों में कैद है।
💖 वो यादें जो सिखा गईं
इन पन्नों को पढ़ते-पढ़ते एक बात समझ आई —
ज़िंदगी में कभी-कभी आगे बढ़ने के लिए पीछे पलटना ज़रूरी होता है। पुराने पन्ने ही हमें सिखाते हैं कि हमने अब तक क्या खोया, क्या पाया और किसे संभाल कर रखना है।
📜 अंत में…
अगर आपके पास भी कोई पुरानी डायरी है, तो एक बार उसे ज़रूर पलटिए। यकीन मानिए, उसमें छुपे पुराने लम्हे आपकी आंखों में नमी और होठों पर मुस्कान दोनों ले आएंगे।
ज़िंदगी में कभी-कभी पुरानी बातें भी ताज़गी दे जाती हैं।
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