"सफर की खूबसूरती: खुद से मिलने का अनोखा रास्ता | Travel Blog"




सफर वो नहीं जो मंज़िल तक ले जाए, सफर वो है जो हमें खुद से मिला दे।

कभी-कभी ज़िंदगी में ऐसा दौर आता है, जब हर रिश्ता, हर चेहरा, और हर जगह एक जैसी लगने लगती है। दिल भारी-सा होता है, और मन बेचैन। न जाने किस बात की तलाश होती है, बस इतना सा अहसास होता है कि अब रुकना मुमकिन नहीं। ऐसे में बैग उठाकर निकल जाना चाहिए, कहीं दूर… जहां ना कोई पहचान हो, ना कोई सवाल।

मैंने भी ऐसा ही किया। एक दिन सब छोड़कर निकल पड़ी उन रास्तों पर, जिनका अंजाम मुझे नहीं पता था। मुझे नहीं मालूम था कि वो पहाड़ मुझे क्या सिखाएंगे, वो नदियां क्या कहेंगी, और वो अनजान रास्ते मुझे किस मंज़िल तक ले जाएंगे।

रास्ते जो दिल के बेहद करीब हो गए।

सफर में सबसे खास चीज़ होती है — रास्ते। वो पगडंडियां, वो पेड़ जिनके नीचे बैठकर मैं घंटों आसमान देखती रही। रास्ते में मिले वो अनजान लोग, जो कुछ पल के लिए ही सही मगर ज़िंदगी का हिस्सा बन गए।

कभी-कभी किसी छोटे से गांव में रुक जाना, किसी बच्चे की मुस्कान देखना, या फिर किसी बूढ़े बाबा की कहानियां सुनना — ये लम्हे तुम्हें एहसास दिलाते हैं कि असली ज़िंदगी किताबों और मोबाइल की स्क्रीन में नहीं, इन रास्तों में बसी है।

अकेलापन भी ज़रूरी होता है।

कई बार सफर में अकेलापन साथ होता है। जब शाम ढलती है और सड़कों पर सन्नाटा पसरने लगता है, तब अकेले बैठकर खुद से बातें करने का अपना ही मज़ा है। ये अकेलापन डराता नहीं, बल्कि सुकून देता है। यहीं पर हमें समझ आता है कि हम खुद से कितना दूर चले गए थे।

वो एक कप चाय, ढलती हुई शाम, और ठंडी हवा — मिलकर ऐसी कहानी बुनते हैं जिसे हम ताउम्र याद रखते हैं।

मंज़िल तो बस एक बहाना है।

कहते हैं न, मंज़िल से ज्यादा खूबसूरत सफर होता है। और सच कहूं तो मंज़िल तो बस एक बहाना है। असल में तो वो रास्ते, वो एहसास, वो चेहरे और वो पल ही हमारी सबसे बड़ी पूंजी होते हैं।

हर सफर हमें थोड़ा बदलता है, थोड़ा सिखाता है। ज़िंदगी की वही बातें, जो हम किताबों में पढ़ नहीं सकते। वो सबक जो कोई और दे नहीं सकता। और सबसे बड़ी बात — ये सफर हमें हमसे मिला देता है।

चलो कहीं दूर चलते हैं…

तो अगर तुम्हारा भी दिल कभी भारी हो, मन उलझा हो, या लगे कि अब और नहीं संभला जाएगा — तो खुद से एक वादा करो। बैग पैक करो और निकल पड़ो।

किसी पहाड़, किसी समंदर, किसी अनजानी पगडंडी की तरफ। यकीन मानो, तुम्हें वहां वो जवाब मिलेंगे, जिनकी तलाश में तुम आज तक भागते रहे हो।

क्योंकि…
कभी-कभी हमें खुद को ढूंढने के लिए कहीं दूर जाना पड़ता है।



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